आज सैलाब के बाद ना बचा नामोनिशान बुलंदी का और ना ही रहा ठिकाना बुनियाद का। आज सैलाब के बाद ना बचा नामोनिशान बुलंदी का और ना ही रहा ठिकाना बुनियाद का।
बेटी आज नहीं कमजोर है छलनी सीने पर परिश्रम का जोर है। बेटी आज नहीं कमजोर है छलनी सीने पर परिश्रम का जोर है।
कभी किसी को उसके अंकों के आधार पर ना आंको! कभी किसी को उसके अंकों के आधार पर ना आंको!
मुझे अपने बेकार के साथ अकेले रहना पसंद नहीं है! मुझे अपने बेकार के साथ अकेले रहना पसंद नहीं है!
नये पत्तों का नया बसेरा साथ लिये प्राणी झूम उठे संसार के. नये पत्तों का नया बसेरा साथ लिये प्राणी झूम उठे संसार के.
खूबसूरत लगती है ये दुनिया जब सच्चा प्यार होता है! खूबसूरत लगती है ये दुनिया जब सच्चा प्यार होता है!